राष्ट्रीय

ऑल इंडिया इमाम काउंसिल ने कि मौलाना कलीम सिद्दीकी और अन्य मौलाना की रिहाई की मांग

By Raheem Khan

September 29, 2021

राजस्थान में बारां जिले के मांगरोल कस्बे में उत्तर प्रदेश के मौलाना कलीम सिद्दीकी, मौलाना उमर गोत्तम व मुफ्ती जहांगीर को एटीएस द्वारा जबरन धर्मपरिवर्तन के आरोप मे गिरफ्तार करने के विरोध मे ऑल इंडिया इमाम कॉसिंल ने मंगलवार को अलाव चोक से कर्बला मैदान तक प्रदर्शन कर इनकी रिहाई कि मांग की.

विरोध प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए जामा मस्जिद इमाम अब्दुल हक आतिश ने तीनो मौलानाओ की गिरफ्तारी को असंवैधानिक करार देते हुवे कहा कि इस्लाम अमन और मोहब्बत का मजहब है. इस्लाम मे जबरन किसी को दाखिल नही किया जा सकता. यह एक तरह का बेबुनियाद आरोप है जिसके जरिये राजनीतिक फायदा हासिल करने की साजिश है.

मक्का मस्जिद इमाम सईदुर्रहमान सल्फी ने कहा कि हिन्दुस्तान मे हर इंसान को अपने मजहब का प्रचार प्रसार करने कि आजादी संविधान से हासिल है और मौलानाओं का काम ही दीन कि तब्लीग करना है. उनका काम इस्लाम का मकसद उसकी खूबसूरती अवाम को बताना है. इस तरह की कार्यवाही करके हुकूमत आलिमे-दीनो को डराना चाहती है, क्योंकि आलिमे-दीन लोगों को अच्छे और बुरे कि परख करना सिखाता है, जुल्म के खिलाफ खड़े होने के लिए उभारता है, सच्चाई के लिये जद्दोजहद करना सिखाता है और यही बात यहां कि फासिस्ट ताकतों को नागवार लगती है.

हाजी मो.असलम ने कहा कि हिन्दुस्तान के तमाम इमाम, मुफ्ती और मोलाना ऑल इंडिया इमाम काउंसिल के बैनर तले एक साथ आकर यह पैगाम देना चाहते हैं कि बेबुनियाद आरोप लगाकर किसी भी आलिमे-दीन की गिरफ्तारी को हम बर्दाश्त नही करेंगे. हम सरकार से मुतालबा करते हैं कि वह अपने सियासी फायदे के लिये मुस्लिम स्कॉलर और मोलाना हजरात को निशाना बनाना बन्द करे. मोलाना कलीम सिद्दीकी, मोलाना उमर गोत्तम व मुफ्ती जहांगीर को जल्द से जल्द रिहा करे.

विरोध प्रदर्शन मे इमाम रफीक अहमद, मुफ्ती मोहम्मद शाहिद, हाफिज सलाहुद्दीन सहित सभी मस्जिदों के इमाम व नौजवानों सहित कई बुजुर्ग लोग भी शामिल हुए.