राजस्थान विधानसभा में पूरे हुए 200 विधायक, 19 साल बाद भवन से हटा ‘भूतिया’ होने का ठप्पा !


राजस्थान की 15वीं विधानसभा में हाल में संविधान दिवस पर दो दिनों का विशेष सत्र बुलाया गया जिसमें एक खास नजारा देखने को मिला। जी हां, एक ऐसा नजारा जो आखिरी बार 19 साल पहले विधानसभा के पुराने भवन में देखा गया था।

बीते 28 नवंबर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने दो नए विधायक नारायण बेनीवाल और रीटा चौधरी को शपथ दिलवाई जिसके साथ ही विधानसभा में 200 सदस्यों का आंकड़ा पूरा हो गया। हालांकि विधानसभा में इससे पहले भी 200 सदस्य पूरे हुए हैं लेकिन ऐसा बहुत ही कम समय के लिए हुआ है।

आपको याद दिला दें 2001 में विधानसभा का नया भवन बनकर तैयार हुआ जिसके बाद इस भवन में कभी लंबे समय के लिए 200 विधायक आसन पर बैठ नहीं पाए, इसके बाद इस भवन को अपशकुनी और इसमें भूतों का साया जैसी बातें कही जाने लगी। देखते ही देखते इस भवन पर अपशगुनी होने का ठप्पा लग गया.

मालूम हो कि गत भाजपा सरकार के विधायकों ने विधानसभा में भूतों का मुद्दा तक उठाया था. जिसके बाद भवन पंडितों और तांत्रिकों को बुलाकर पूजा पाठ वगैरह करवाए गए थे।

अब दो नए विधायक नारायण बेनीवाल खींवसर और रीटा चौधरी मंडावा विधानसभा पहुंचे हैं और सरकार के 4 साल अभी बाकी है, ऐसे में अगर किसी तरह की अनहोनी नहीं होती है तो विधानसभा के इस भवन से अपशगुनी और भूतिया होने का ठप्पा हट सकता है।

अगर हम बीते सालों को देखें तो 2001 में जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार थी तब 9 विधायकों की मौत हो गई, वहीं 2 मंत्रियों सहित 4 विधायक कानूनी पचड़ों में फंसते हुए जेल चले गए।

इसके बाद 2018 में विधानसभा चुनाव के बाद रामगढ़ से बसपा प्रत्याशी लक्ष्मण चौधरी का निधन हो गया जिसके बाद उस समय 199 सीटों पर ही वोट डाले गए। हालांकि कुछ समय बाद रामगढ़ विधानसभा सीट पर चुनाव करवाए गए जिसके कांग्रेस से शाफिया जुबैर खान जीती लेकिन इसी बीच खींवसर से हनुमान बेनीवाल लोकसभा चले गए।

इसके अलावा, 2011, 2013 और 2017 में भी किन्ही कारणों के चलते यहां 200 विधायकों का आंकड़ा लंबे समय के लिए पूरा नहीं हो सका।

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