राष्ट्रीय

मोदी विरोध का अर्थ सेक्युलरिज़्म नहीं है बचिये ऐसे झूट फैलाने वालों से

By khan iqbal

June 11, 2018

Pratik Sinha को लगातार इस पोस्ट पर लोग मेंशन कर रहे थे लेकिन प्रतीक घोड़ा बेच कर तमाशा देख रहे हैं। @Alt news के को-फाउंडर प्रतिक सिन्हा ने आज तक एक भी ऐसी स्टोरी नहीं कि जिससे फेसबुक पर इस्लामोफोबिक तारेक फतेह, उसके सोकॉल्ड सेक्यूलर/एथीस्ट फॉलोवर्स का एंटी इस्लामिक प्रोपगेंडा और हेट पकड़ में आए। प्रतीक पॉलिटिकल बैलेंस बनाने के लिए विधायक Jignesh Mevani के ट्वीट पर तुरंत स्टोरी बना देते हैं लेकिन प्रतिक को तारेक फतेह का फेसबुक वॉल नहीं दिखता जहां हर दिन झूठ फैलाया जाता है। प्रतिक को राजीव त्यागी का नस्लवाद नहीं दिखता।

 

राजीव ने एक दाढ़ी टोपी वाले मुसलमान शख्स जिसे की मुसलमान होने पर पीटा जाता है कि तस्वीर एक फर्जी बयान के साथ अपने वॉल पर साझा करके इस्लाम का मज़ाक उड़ाता है। राजीव दिन भर एंटी मोदी प्रोपगेंडा करता है जिस कारण अपर कॉस्ट,अर्बन हिंदू उसे नापसंद करते हैं। राजीव उनके बीच बने रहने के लिए हर शाम इस्लामिक थॉट्स और बिलीफ का मज़ाक उड़ाता है। उसकी यह हरकत अर्बन इलीट मुसलमान इग्नोर कर देता है क्योंकि राजीव त्यागी एंटी मोदी है।

 

मै इसलिए ही मुसलमानों से कहता रहता हूं कि वे प्रतिक हों या फिर राजीव अथवा संजीव भट्ट या फिर आचार्य प्रमोद कृष्णन जैसे मोदी विरोधी, इन पर आँख बंद करके भरोसा मत कीजिए। ये लोग हमारे बीच रह कर हमारे विक्टिमाईजेशन से नाम और पैसा कमाते हैं और हमेशा हमें ठगते हैं। ये इनका सिस्टम है। इसमें घुस कर इनकी अक्ल ठीक करने के लिए खुद को मजबूत बनाना होगा। इनसे सवाल करते रहिए। मोदी का विरोध, सेक्यूलरिज्म का सर्टिफिकेट नहीं होता।

(मोहम्मद अनस,पत्रकार व सोशल मीडिया विशेषज्ञ हैं ये उनकी फेसबुक पोस्ट बिना बदलाव के सीधा लिया गया है)