नज़रिया:तिरंगे से किसे है नफ़रत!

तिरंगे से किसे है नफ़रत!

By:Ashib khan

गणतंत्र दिवस पर उत्तरप्रदेश में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही थी! तिरंगा यात्रा निकालने वाले विश्व हिन्दू परिषद(VHP)और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(ABVP) के कार्यकर्ता थे!पूरे शहर में तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे और अपनी देशभक्ति का परिचय दे रहे थे!
सोचने वाली बात है यात्रा में तिरंगा कम और भगवा झंडे ज्यादा थे!
ये बात आपको मैं शुरू में इसलिए बता रहा हूं कि आप मेरी बात को सही तरह से समझ सके!
अभी तक समझ नहीं आ रहा है कि तिरंगा यात्रा के नाम पर भगवा यात्रा क्यूँ निकाल रहे थें!
कासगंज के शहीद अब्दुल हमीद चौराहे पर गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा था किसी बात को लेकर दूसरे समुदाय से झड़प हो गई! झड़प ने विकराल हिंसा का रुप धारण कर लिया!
इस में मुस्लिम समुदाय को देशद्रोही की नज़र से देखा जा रहा है! लेकिन आज जो बात BBC HINDI ने कही है वो सत्य है!BBC HINDI की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को तिरंगे पर ऐतराज रहा है!संघ और हिन्दू महासभा दोनों के बड़े नेताओं ने कई बार कहा है कि भारत का झंडा भगवा ही हो सकता है!और कुछ नहीं!

सावरकर ने कहा था कि हिन्दू किसी भी कीमत पर वफादारी के साथ अखिल ध्वज यानी भगवा झंडे के अलावा किसी और झंडे को सलाम नहीं कर सकते!
गोवलकर की राय स्पष्ट थी कि भारत का झंडा एक ही रंग का होना चाहिए और वो भी भगवा रंग का! उन्होंने कहा कि तीन शब्द तो अपने आप में ही अशुभ है !
ये मैं नहीं BBC HINDI की रिपोर्ट कहती रही है! आप भी देख सकते हैं!
कासगंज की घटना को इनकी विचारधारा से देखा जा सकता है!
किस तरह से तिरंगा यात्रा के नाम पर साम्प्रदायिक दंगा किया!

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