उस दिन के बाद में सार्वजनिक स्थानों पर लिखे मोबाइल नम्बर मिटाने लगा!

By khan iqbal

March 20, 2018

एक कदम बहनों बेटियों के लिए!

मैंने ट्रेन के टॉयलेट के दरवाज़े के पीछे लिखें नंबर में कॉल लगाया.. “आप रेनू जी बोल रहीं हैं” “जी हाँ, लेकिन आप कौन और आपको मेरा ये नंबर कहाँ से मिला” “दरसल वो ट्रेन.., दरसल वो ट्रेन के डिब्बे में किसी ने आपका नंबर आप के नाम से लिख रखा है, शायद आपका कोई अच्छा दुश्मनः या फिर कोई बुरा दोस्त होगा, जो भी हो आपसे ये कहना था कि हो सके तो ये नंबर चेंज करवा लीजिये या फिर किसी अच्छे से जवाब के साथ तैयार रहिये, वैसे अब तक जितने कॉल्स आ गए, आ गए.., आज के बाद किसी का नहीं आएगा क्योंकि ये नंबर मैं डिलीट कर देता हूँ । जी रखता हूँ ख्याल रखिएगा” और मैं फ़ोन काट उस नंबर और नाम को मिटाने में लग गया! -आप सबको जानकर ताज्जुब होगा रेनू जी अनजाने नंबर और उनपे सुन रही गंदे और भद्दे बातों की वज़ह से बहुत ज़्यादा परेशान रही थी, तभी से मुझे एक और दिशा मिली और मैं सार्वजनिक स्थानों पे लिखे ऐसे नम्बरों को मिटाने में लग गया, ताकि किसी न किसी को तो बचाया जा सके..!! माना कि हम किसी बुराई की वज़ह नहीं होंगे, पर किसी अच्छाई की वजह तो बन ही सकते हो..!! अतः इस पोस्ट के माध्यम से मेरा आप सभी से निवेदन है कि आप भी कही इस तरह का कुछ देखें तो तुरंत नंबर व नाम मिटा कर एक अनजान खतरे से बहन-बेटियों की मदद करें..!! एक अकेले के साथ लाखों साथ आ जाएँगे तो स्थितियाँ जल्दी बदलने लगेंगीं । जनमानस राजस्थान द्वारा इस  लेख  की   उठायी आवाज और मुहीम को आगे बढ़ाए।